झर झर धार झरे,Zar Zar Dhar Zare
झर झर झर झर धार झरे
धार सुधेची कामधेनूची
भर भर भर भर कलश भरे
नंदनवन सम गमते गोकुळ
शान्तिसौख्यमय जीवन मंगल
वैभव-धन हे अमोल येथिल
धेनु, गोजिरी वासरे
हरीची मुरली वाजे मंजुळ
प्रमुदित करिते गोकुळ सारे
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