सुखद जगि राजा,Sukhad Jagi Raja

सुखद जगि राजा । शास्ता बलवान ।
जो झटत दिन रात । उचित जन काजा ॥

या रणी साह्यार्थ । हा बलि महाराष्ट्र ।
राजकाज तलवार । कां न यश मम ध्वजा ।

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