सारेगमप,SaReGaMaPa

गाईन गीत सुरेल नवे
जे रसिकांचे मन रिझवे
संगीताने जग भरले
हे स्वप्न स्वरांचे उलगडले
नाचले, रंगले, दंगले, गुंगले
तनमन गुणगुणले
सा रे ग म प
सा रे ग म प

No comments:

Post a Comment