संगीतरस सुरस,Sangit Ras Suras
संगीतरस सुरस
मम जीवनाधार !
सूर ताल लय धून
नटला विविधरंगि
स्वररूप ओंकार !
आनंदघन असा
बरसे नभातून
हा वेद श्रुतिमान
सुखसार !
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment