निशिदिनिं मनि धरिला,Nishi Dini Mani Dharila
निशिदिनिं मनि धरिला हरिला ।
विसर न पडला या सुहृदांचा ।
व्यालकालगत भेद निमाला ॥
प्रेमपुनीता मधुमति गीता ।
हृदयकुसुमिता परभयभीता ।
स्वाराज्ये परिमल भरला ॥
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