बहुत परिने उपदेश तुवा,Bahut Parine Upadesh Tuva
बहुत परिने उपदेश तुवा केला । परि कामांधें म्यां न आदरिला ॥
तुझ्या स्नेहा पात्र मी नसे आता । व्यर्थ माझी वाहसी मनी चिंता ॥
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