बहुत दिन नच भेटलों,Bahut Din Nach Bhetalo
बहुत दिन नच भेटलों सुंदरीला ।
म्हणुनि धरुनी बैसेल रुष्टतेला ॥
करिन जेव्हां मी बहुत आर्जवाला ।
पात्र होईन मग मधुर सुहास्याला ॥
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