तारिणी नववसनधारिणी,Tarini Nav Vasan Dharini
तारिणी नववसनधारिणी ।
वात्सल्य हृदयी धरुनी ।
करिसी दया स्वजनी ॥
तळमळे अवघी प्रजा ।
उत्सवी मग्न राजा ।
साधितो शकुनी काजा ।
वैरी घर भरिती, स्वैरगती रमती ।
प्रजा जन फिरती रानी ॥
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