तारिल तुज अंबिका,Taril Tuj Ambika
तारिल तुज अंबिका, कशाला धरिसी मनि शंका !
शंकर-मन रंजिका, हरितसे भव-पातक पंका !
दयावती जी सहज उद्धरी हीन-दीन-रंका
कळिकाळावर जिचा धडधडा झडे विजय-डंका !
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