जा भय न मम मना,Ja Bhay Na Mam Mana
जा, भय न मम मना; मंडप सबल,
समरानल महाज्वालें जळेना ।
शिशुपाल वैराग्नि पेटला,
भेटला जणु कृष्णबल-सागर तयाला ॥
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