चम चम करता है ,ये नशीला बदन
करना चाहे हर कोई मुझसे मिलन
हा मदभरे ये होठ रसीले
पीनेवाले पीकर जिले
केहती है है ये आँखें शराबी
करले अपनी रात गुलाबी
बेताबी है तन में बिजली भी मीठी चुबन
चम चम करता है ,ये नशीला बदन
शोला हु में बिजली भी हु
ना खेल यु आग से
कातिल मेरी हर एक अदा
कर दूँगी घायल तुझे
रातो कि है मस्ती मेरे हर अंग अंग में
जिस में दम है आये वो लेले
अपने संग में
बाहो में आ दिल कि बुझादे अगन
नाजुक बदन हिरनी हु में
आओगी न हाथ में
रस भरी में रस भरी
सब है मेरे हाथ में
अपने दिल के सुर को
मेरी सांसो में भर दे
तेरी मै हो जाऊ यारा मुझको दीवाना कर दे
बाहो में आ दिल कि बुझादे अगन
चम चम करता है ,ये नशीला बदन
करना चाहे हर कोई मुझसे मिलन
हा मदभरे ये होठ रसीले
पीनेवाले पीकर जिले
केहती है है ये आँखें शराबी
करले अपनी रात गुलाबी
बेताबी है तन में बिजली भी मीठी चुबन
चम चम करता है ,ये नशीला बदन
Singer -वैशाली सामंत VAISHALI SAMANT
Movie / Natak / Album -अग बाई अरेच्चा AG BAI ARECHHA
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