सावन घन गरजे, बजाये
मधुर मधुर 'मल्हार'
चमचम नाचे उसकी सजनी
छेल छबिली नार !
इंद्र-धनुषका मोर-मुकुट सिर
सावन घन घनश्याम चढाये
गोरी गोरी बिजली गोपी
अपना सुंदर रूप दिखाये
शहनाई बन-पवन बजाये
करे मयुर पुकार
हरियाला सावन मनभावन
बरसे अमृतधार !
मधुर मधुर 'मल्हार'
चमचम नाचे उसकी सजनी
छेल छबिली नार !
इंद्र-धनुषका मोर-मुकुट सिर
सावन घन घनश्याम चढाये
गोरी गोरी बिजली गोपी
अपना सुंदर रूप दिखाये
शहनाई बन-पवन बजाये
करे मयुर पुकार
हरियाला सावन मनभावन
बरसे अमृतधार !
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