वेध तुझा लागे,Vedh Tujha Lage
वेध तुझा लागे सतत मनी । वसतिच केली नामे वदनी ॥
जगत सकल सखि भासत त्वन्मय । मधुर रूप तव खेळे नयनी ॥
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