शांत दांत कांते,Shant Dant Kante

शांत दांत कांते, कांते गे
कां तव जे मन सचिंत हे भ्रमले
तिमीर उरी भरले, कांते गे

जीवन मम गे, तेच तुझे मन
दैवयोगे जगी अपुले जुळले, कांत गे

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