सखे शशिवदने,Sakhe Shashivadane
सखे शशिवदने ।
किती रुचिर, बिंबसम अधर,
परम सुकुमार ॥
अधरसुधा तव पिउनी कसें गे ।
अयशोविष मी सेविन सांगे ।
विधुकरशुचिरदने ॥
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