मंगल ते प्रियधाम,Mangal Te Priyadham
मंगल ते प्रियधाम, या मना, ममता निर्झर
मातृहृदय ते चुंबचुंबिता ये अंगाई
वदन सुमांचा चुंबन मेवा, भान हिरावी
मोह माईना
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