दहन खर हृदया,Dahan Khar Hridaya
दहन खर हृदया । महाघोर रणरणक करित कृष्णासि ।
बहु आकुल भावमा सभय ॥
आधार विश्वासि । मंगल सांधनासि ।
विकृत होतां तथा । आगत हा महाप्रलय ॥
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