कोपलास कां दया सागरा,Koplas Ka Daya Sagara
कोपलास कां दया सागरा, का झाला अन्यायीं
रडवितोस कां तुझ्या लेकुरा, जगती ठायीं ठायीं
का तव माया ममता सरली
कृपा तुझी का ओसरली ?
म्हणूनच का रे दैव कसाई काळिज तोडुन खाई
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