आनंद सुधा बरसे, Aanand Sudha Barase
आनंद सुधा । बरसे, झाली धुंद अमृतघन बरसात
चरणी पावन फुले । स्वर्ग या विजनात
रसमय मंजुळ गीत गात मानस भरे
कमलदली जशी पुनवरात .....
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