अधिर मन बावरे,Adhir Man Bavare
अधिर मन बावरे, घेइ आंदोलने ।
विविध भावांवरि प्रेमशंकागुणें ॥
दयित हृदयांतले अणु जरी लाभलें ।
स्थल, विसावेल मन ।
कांतागुणचिंतने ॥
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