'सोहम' हर डमरू बाजे ।
उसके सुर तालों के सुखकारक झुले पर
झूम रहे सरिता सर भुवनत्रय गाजे ॥
डमरू ॐकार नाद, परमेसर का प्रसाद
उसके ही महिमासे गिरीकंदर गाजे ॥
उसके सुर तालों के सुखकारक झुले पर
झूम रहे सरिता सर भुवनत्रय गाजे ॥
डमरू ॐकार नाद, परमेसर का प्रसाद
उसके ही महिमासे गिरीकंदर गाजे ॥
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