पौष्टिक बलवीर्यजनक,Poushtik Balveeryajanak
पौष्टिक बलवीर्यजनक औषधें अनेक तीं ।
पाक भस्म रस गुटिका सेविन मी वनस्पती ॥
करित नित्य दुग्धपान मिष्ट मिष्ट भोजनें ।
मंत्र तंत्र यंत्रादिक अन्य कितिक साधनें ।
ही काया व्यायामें पुष्ट करिन निश्चितीं ॥
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