तारूं लागले बंदरी,Taru Lagale Bandari
तारूं लागले बंदरी ।
चंद्रभागेचिये तिरीं ॥१॥
लुटा लुटा संतजन ।
अमुप हें रासी धन ॥२॥
जाला हरिनामाचा तारा ।
सीड लागलें फरारा ॥३॥
तुका जवळी हमाल ।
भार चालवी विठ्ठल ॥४॥
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