वितरि प्रखर तेजोबल,Vitari Prakhar Tejobal
वितरि प्रखर तेजोबल । करि रण समरनिरत ॥
हरुनि दयाल मोहजाल ॥
करूनि दया । ने विलया । हा स्वदेश नाश काल ॥
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