ये मौसम है रंगीन,Ye Mausam Hai Rangeen

ये मौसम है रंगीन, रंगीन शाम
सनम्‌ने दिया जो मुहोब्बतसे जाम

जादूभरी लुत्फे मैं क्या कहूँ ?
रसिली नजर का असर क्या कहूँ ?

हमें आसमॉंसे है आया पयाम
खुदा मेहरबॉं हैं, न सागरको थाम

ओ मीनाकुमारी ! तुझे है कसम
पिलाके भुला दे ये दुनियाके गम

बहुत प्यास है, और जवानी है कम
जुबॉं पे है दिलदार तेराहि नाम

सफरमे न आयेगा ऐसा मुकाम
करते फरिश्ते है झुकके सलाम

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