पूरबी सूर्य उदेला जी,Purabi Surya Udela Ji
पूरबी सूर्य उदेला जी
उडती पंछी आकाशी, घागरी पाणोठ्यापाशी
दूर नदीवरी वेणू रुणझुण घुंगरुमाळा जी
प्राणांतून प्रार्थना कपाळी कुमकूम लावून जी
जात्यावर घरघर देवालय मृदुंग झाला जी
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
View mobile version
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment