आधी बीज एकलें, Aadhi Beej Ekale
आधी बीज एकलें
बीज अंकुरलें रोप वाढलें
एका बीजापोटीं, तरु कोटी कोटी
जन्म घेती, सुमनें फळें
व्यापुनि जगता तूंहि अनंता
बहुविध रूपें घेसी, घेसी
परि अंती, ब्रम्ह एकलें
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