मान्य कांत वरिला,Manya Kant Varila
मान्य कांत वरिला हा । रवि राज्य करित ।
मम मनिं निशिदिनि तो हा ॥
धन्य हंसिका । मौक्तिक वांछित ।
खुलवि फुलवि शशि तारका ॥
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