पांडुनृपति जनक जया,Pandu Nrupati Janak Jaya
पांडुनृपति जनक जया । माता कुंती यदुतनया ।
धर्म भीम बांधव जया । नामें विजय जो ॥
अर्पियलें या शरिरा । तया लोकधनुर्धरा ।
न फिरे जरि चराचरा । कंठ चिरियला ॥
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