पांखरा जा त्यजुनिया,Pakhara Ja Tyajuniya
पांखरा । जा । त्यजुनिया प्रेमळ शीतल छाया ॥
पसरले विश्व अपार पहा ॥
भेदुनि गगनाला । बघुनि ये देवलोक सारा ।
पिऊनी अमृत, घेउनि संचित । परतुनि ये घरा ॥
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